रायपुर। विश्वविद्यालय की परीक्षा को लेकर एनएसयूआई और अभाविप में राजनीति शुरू हो गई है। जनरल प्रमोशन को लेकर दोनों छात्र संगठन आमने-सामने हो गए हैं और दोनों की राय भी अलग-अलग है। एनएसयूआई ने परीक्षार्थियों को जनरल प्रमोशन देने की मांग की है, वहीं अभाविप ने इसका विरोध किया है।
कोरोना वायरस के चलते विश्वविद्यालय की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। अब परीक्षा हो या जनरल प्रमोशन दिया जाए इसपर एनएसयूआई और अभाविप में जंग छिड़ गया है। दोनों के विचारों में भेद है।
अभाविप पदाधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए सरकार को गुमराह करके विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
जनरल प्रमोशन से विश्वविद्यालय के छात्रों की क्षमता का पता नहीं चलेगा जो छात्र हित में नहीं हैं। वहीं अभाविप के पदाधिकारियों ने वर्तमान स्थिति में यूजीसी की गाइडलाइन का पालन करने हुए जुलाई तक जनरल प्रमोशन ना देने की मांग की है।
यह मामला उस समय तुल पकड़ा जब गुरूवार को अनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय के छात्रों को जनरल प्रमोशन देने की मांग की। इसके बाद अभाविप ने मोर्चा खोल दिया और जनरल प्रमोशन का विरोध शुरू कर दिया।
अभाविप के प्रदेशमंत्री शुभम जायसवाल ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और जनरल प्रमोशन ना देने की मांग की। इसके बाद सोशल मीडिया में एनएसयूआई और अभाविप के कार्यकर्ताओं में जंग छिड़ गई। कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया में जमकर अपनी-अपनी भड़ास निकाली और अपना-अपना तर्क देने लगे।
ज्ञात हो कि यूजीसी ने उच्च शिक्षा विभाग को जुलाई तक परीक्षा कराने का निर्देश दिया है। शिक्षा सत्र लेट होने की स्थिति में व्यक्तिगत निर्णय लेने की बात निर्देश में कही गई है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने परीक्षा ऑनलाइन कराने की बात कही है।
उच्छ शिक्षा विभाग ने आनलाइन परीक्षा कराने के संबंध में 5 सदस्यों की कमेटी का गठन अप्रैैल माह में किया था। इसके बाद 15 अप्रैल को कमेटी के अधिकारियों ने ऑनलाइन परीक्षा ना करवा पाने की बात कही थी। कमेटी के इस निर्णय के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने यूजीसी और राज्य सरकार के निर्देश पर परीक्षा कराने की बात कही है।
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