रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य से होकर गुजरने वाले अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों एवं उनके परिवार की सहूलियत एवं सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
अपने गांव घर पहुंचने के लिए सीमावर्ती राज्यों से हजारों हजार की संख्या में प्रतिदिन छत्तीसगढ़ से होकर जाने वाले प्रवासी श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों के नि:शुल्क चाय,नाश्ता, भोजन एवं स्वास्थ्य सुविधा के साथ ही उन्हें राज्य की सीमा तक सकुशल पहुंचाने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार ने की है।
राज्य सरकार के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों की संवेदनशीलता की एक बानगी रायपुर के टाटीबंध चौक पर देखने को मिली। प्रवासी श्रमिक परिवारों ने तपती सड़क पर चलने से पांवों में पड़े छाले पर चरण पादुका पहनाकर मरहम लगाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के तीसरे चरण से बेबस अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिक हजारों-हजार किलोमीटर का सफर तय कर अपने गांव पहुंचने के लिए सड़कों पर निकल पड़े।
इन श्रमिकों की परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य से होकर गुजरने वाले प्रवासी श्रमिक हमारे मेहमान है। उन्होंने अन्य प्रवासी श्रमिकों को हर संभव सहूलियत एवं सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
इसी तरह कबीरधाम जिले के कवर्धा-राजनांदगांव के मुख्यमार्ग पर स्थित नरोधी चेकपोस्ट पर जब प्रवासी श्रमिकों पुरूष, महिला और बच्चों के खाली पैरों पर जब चरण पादुका पहनाया गया तब खुशी से एक मां की ममता आंसू बन कर बहने लगा।
अपनी जज्बातों को वह रोक नहीं पाई। उन्होंने बताया कि वह रेल से लम्बी यात्रा कर छत्तीसगढ़ पहुंची है। बस के माध्यम से कबीरधाम जिले तक पहुंचाया गया। अपना घर लौट कर अब बहुत अच्छा लग रहा है।
कवर्धा एसडीएम विपुल गुप्ता ने बताया कि कवर्धा-बेमेतरा मार्ग के दशरंपुर बैरियर, राजनांदगांव मार्ग के नरोधी बैरियर पर 500-500 नग चप्पल श्रमिकों को नि:शुल्क देने के लिए व्यवस्था की गई है।
इसी प्रकार राज्य के प्रवेश द्वारा चिल्फी धवाईपानी बैरियर पर भी श्रमिकों को चप्पल निशुल्क देने के लिए व्यवस्था बनाई गई है। कबीरधाम जिले में प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए सामाजिक संगठन आगे आ रहे है। जन सहयोग से श्रमिकों के लिए जिला प्रशासन द्वारा चरण पादुका नि:शुल्क दिया जा रहा है।
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