नई दिल्ली. इकोनॉमिक पैकेज (Economic Package 2.0) में केंद्र सरकार ने स्ट्रक्चरल रिफॉर्म (Structural Reform) को लेकर कई ऐलान किये हैं. इसी के तहत केंद्र सरकार ने विदेशी कंपनियों को भारत में लाने के लिए बड़े प्लान के बारे में जानकारी दी.
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने बताया कि विदेशी कंपनियों को भारत में आकर्षित करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा और योजनाओं में अपग्रेडेशन की जाएगी ताकि निवेशकों को कोई परेशानी न हो.
वित्त मंत्री ने बताया कि कई तरह के पॉलिसी रिफॉर्म्स (Policy Reforms) के तहत पिछले कुछ महीनों में फास्ट ट्रैक इन्वेस्टमेंट (Fast Track Investment) को बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने बताया कि सचिवों की समूह के जरिये फास्ट ट्रैक क्लियरेंस देने का काम किया जा रहा है.
मंत्रालयों में बनेंगे प्रोजेक्टस डेवलपेमेंट सेल उन्होंने बताया कि निवेश को बढ़ाने के लिए हर मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल (Project development Cell) में बनाया जाएगा. इस सेल की मदद से हर मंत्रालय अपने क्षेत्र में संभावित प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग करेगा और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा. ये सेल केंद्र सरकार और राज्यों की मदद से निवेश को बढ़ावा देंगे.
1 हजार विदेशी कंपनियों पर सरकार की नजर बता दें कि केंद्र सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि कोविड-19 के इस संकट की स्थिति को निवेश और विकास के लिए मौके में तब्दील किया जा सके. कुछ दिन पहले ही मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन से निकलने की तैयारियों में जुटी करीब 1,000 कंपनियों को भारत में लाने के लिए केंद्र सरकार तैयारी कर रही है. भारत उन कंपनियों को वरीयता दे रहा है जो मेडिकल इक्विपमेंट्स की सप्लाई करती हैं, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स, लेदर और ऑटो पार्ट्स जैसे 550 वस्तुओं की उत्पादन करती हैं.
विदेशी कंपनियों के लिए बेहतर मौका जानकारों का कहना है कि भारत में आने के लिए कंपनियों को अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा क्योंकि यहां जमीन अधिग्रहण, स्किल्ड लेबर, अमेरिका, जापान या चीन की तुलना में बेहद किफायती है.
भारत में श्रम कानून में भी संशोधन किया जा सकता है. ई-कॉमर्स कंपनियों की एक मांग पर सरकार विचार भी कर रही है, जिसमें इस साल उन पर डिजिटल टैक्स लगाया जाना था. संभव है कि केंद्र सरकार इसे ठंडे बस्ते में डाल दे.
विदेशी निवेश से भारत को कैसे फायदा मिलेगा?
केंद्र सरकार के लिए इन्वेस्टमेंट में इजाफा होने का मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगी, जिसकी हालत करीब 8 सप्ताह से चल रहे लॉकडाउन की वजह से खराब हो चुकी है. बेरोजगारी दर अब सरकार के लिए चिंताजनक स्थिति पर पहुंच चुका है.
भारत के लिए यह मौका है कि वो जमीन, श्रम और टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव करे ताकि इससे निवेश बढ़े. वियतनाम और कम्बोडिया जैसे देशों की तुलना में भारत एक बहुत बड़ा बाजार है. लेकिन, विदेशी कंपनियों को भारत आने में सबसे बड़ी बाधा टैक्स स्ट्रक्चर बनता है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण से लेकर पानी और बिजली की सप्लाई जैसी सुविधाओं के लिए मशक्कत करनी होती है.
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