कोरोना वायरस संक्रमण काल में पूरा देश एक बड़ी समस्या का सामना कर रहा है. बच्चे भी घरों में कैद हैं, उनके स्कूल बंद हैं. ऐसे में वो मानसिक तनाव से भी गुजर रहे हैं. वहीं कई अभिभावकों के सामने सैलरी, स्वास्थ्य या परिवार की अन्य समस्याएं हैं.
ऐसे में जो बच्चे अपने स्कूल एग्जाम में पास नहीं हो पाए हैं, वो और ज्यादा अपसेट हैं. बड़ी संख्या में अभिभावकों की समस्याएं सीबीएसई बोर्ड तक पहुंच रही हैं. इन्हीं सब वजहों को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने फैसला लिया है कि इस साल 9वीं और 11वीं में फेल छात्रों को स्कूल आधारित टेस्ट की सुविधा दी जाएगी. ये मौका उन छात्रों को दिया जाएगा जिनके एग्जाम पूरे हो गए हैं और रिजल्ट आ गए हैं या उनके एग्जाम पूरे नहीं हो पाए हैं.
ये टेस्ट सब्जेक्ट और उनके अटेंप्ट के आधार पर लिए जाएंगे. सीबीएसई ने कहा है कि स्कूल ऐसे बच्चों से दोबारा संपर्क करके उनके ऑनलाइन या ऑफलाइन या इनोवेटिव टेस्ट कराएंगे और ये तय करेंगे कि उन्हें टेस्ट के आधार पास किया जा सकता है या नहीं.
इसके लिए स्कूल बच्चों को तैयारी का उचित समय भी देंगे. ये नियम सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों पर लागू होगा. सीबीएसई ने गुरुवार जारी नोटिफिकेशन में ये भी स्पष्ट किया है कि ये मौका सिर्फ इसी साल दिया गया है. ये फैसला कोविड 19 के हालातों को देखते हुए लिया गया है जो कि भविष्य में मान्य नहीं होगा.
यहां देखें 9वीं और 11वीं के लिए जारी नोटिफिकेशन सीबीएसई ने जारी किया है नया सिलेबस
बता दें कि सीबीएसई ने सत्र 2020-21 में बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य की है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाल ही में 9 वीं, 10 वीं, 11 वीं और 12 वीं के लिए CBSE सिलेबस 2020-21 भी जारी किया है.
जो बच्चे घर से कक्षाएं अटेंड कर रहे हैं उन्हें अपनी क्लास का नवीनतम सीबीएसई पाठ्यक्रम जरूर पता होना चाहिए, विशेषकर वे छात्र जो मार्च 2021 में सीबीएसई 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले हैं. सीबीएसई स्कूलों के छात्रों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जान लें.
इस लिंक पर जाकर देखें अपनी क्लास का सिलेबस …
अधिकांश सीबीएसई स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं और शिक्षक उपस्थिति ले रहे हैं. ऐसे में कई छात्र पूछ रहे हैं कि क्या कोई समस्या हो सकती है यदि वे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में आपको बता दें कि आधिकारिक नियमों और विनियमों के अनुसार, सीबीएसई ने 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य की है. छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे ऑनलाइन कक्षाओं को गंभीरता से लें और किसी भी मुद्दे से बचने के लिए उपस्थिति बनाए रखने का प्रयास करें.
नया सीबीएसई पाठ्यक्रम 2020-21: सीबीएसई ने हाल ही में शैक्षणिक सत्र 2020-21 (9 वीं, 10 वीं, 11 वीं और 12 वीं) के लिए पाठ्यक्रम जारी किया है. छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम सीबीएसई सिलेबस 2020-21 को अपने पास रखें. वो इसे सीबीएसई की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि सीबीएसई सिलेबस को तब तक कम किया जा सकता है जब तक छात्रों को आधिकारिक पाठ्यक्रम का पालन करने की सलाह दी जाती है.
अगस्त में आ सकता है CBSE रिजल्ट 2020 केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा यह पहले ही तय कर लिया गया है कि CBSE 12 वीं और 10 वीं के पेंडिंग पेपर 1 जुलाई से 15 जुलाई 2020 तक आयोजित होंगे. इस बीच, CBSE मूल्यांकन प्रक्रिया कुछ समय बाद शुरू होगी. सीबीएसई रिजल्ट 2020 के अगस्त में जारी होने की उम्मीद है.
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