कोरोना वायरस के इस संकट काल में दावा किया जा रहा है कि धूम्रपान करने वाले लोगों को इससे कम खतरा है. पिछले कुछ हफ्तों से लगातार इस तरह के दावे किए जा रहे हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रैंसिस्को (UCSF) ने अपने एक हालिया शोध में अब इस दावे की पोल खोली है.
UCSF के ‘सेंट्रल फॉर तंबाकू कंट्रोल रिसर्च एंड एजुकेशन’ के प्रोफेसर ग्लैंट्स का साफतौर पर कहना है कि धूम्रपान करने वाले लोगों को कोविड-19 से ज्यादा खतरा है. चीन, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के कुछ शोध पत्रों को देखने के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे कि नॉन स्मोकर की तुलना में कोरोना सिगरेट पीने वाले 30 प्रतिशत लोगों में गंभीर रूप से विकसित होता है.
एक अन्य स्टडी के मुताबिक, धूम्रपान करने वाले मरीज एक बार अस्पताल में दाखिल हुए तो उनकी जान बचना बहुत मुश्किल हो जाता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि धूम्रपान करने वाले लोगों के शरीर को कोरोना बड़ी तेजी से खराब करता है. नई स्टडी के आंकड़े बताते हैं कि अस्पताल में दाखिल धूम्रपान करने वाले कोरोना मरीजों में से करीब आधों की मौत हुई है.
अस्पताल में भर्ती सिगरेट पीने वाले लोगों का ‘डेथ रेट’ काफी ज्यादा है. सिगरेट पीने वाले पॉजिटिव लोगों में करीब 47 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है. सिगरेट छोड़ने वाले 31 प्रतिशत लोग भी जिंदगी से जंग हारे हैं. वहीं, सिगरेट न पीने वालों में करीब 35 प्रतिशत की मौत हुई है. सिगरेट का सेवन करने वाले लोगों को यह जानलेवा बीमारी जल्दी नहीं घेरती है, इस तरह के दावे काफी दिनों से किए जा रहे थे. लेकिन नई स्टडी में इस बात को खारिज किया गया है.
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