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खर्राटों की आदत है तो संभल जाए, वरना आपके साथ भी हो सकता है कुछ ऐसा

मुंबई। दूसरे के खर्राटों से लोग अक्सर परेशान रहते हैं। पर यदि समय रहते खर्राटों से उपजी झंझटें दूर नहीं की जाए तो बड़ी समस्या खड़ी हो जाती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ मुंबई की एक लोकल ट्रेन में, आप भी जानिए आखिर क्या हुआ और खर्राटों से परेशान यात्रियों को कैसी मिली मुक्ति-
मुंबई से चलने वाली एक ट्रेन में यात्रा कर रहे शख्स को अपने खर्राटों के कारण सहयात्रियों के विरोध का सामना करना पड़ा। सहयात्रियों के इस विरोध के बाद उक्त शख्स ने लोगों की बात मानते हुए दूसरों को सोने देने के लिए खुद ना सोने का फैसला किया, जिसके बाद लोगों ने चैन की सांस ली।
बताया जाता है कि रामचन्द्र नाम के एक यात्री ने मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन से चलने वाली एलटीटी-दरभंगा ऐक्सप्रेस में अपना रिजर्वेशन कराया था। ट्रेन में यात्रा के दौरान रामचन्द्र के तेज खर्राटों से तंग आकर 8-10 लोगों ने उनकी बर्थ तक आकर इन खर्राटों के विरोध में झगड़ा शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे टीटीई गणेश विरहा ने इस मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश की। टीटीई के हस्तक्षेप और लोगों के विरोध के बाद रामचन्द्र ने राजी होते हुए कहा कि वह यात्रा के दौरान अन्य यात्रियों को अपने खर्राटों से परेशान ना होने देने के लिए दोपहर तक नहीं सोएंगे, जिसके बाद विरोध कर रहे यात्रियों का समूह शांत हुआ। विरहा ने यह भी बताया कि इस मामले के बाद दोपहर के वक्त तक विरोधी यात्रियों और रामचन्द्र के बीच दोस्ती भी हो गई।

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