नई दिल्ली. दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्थित मरकज में पिछले महीने भाग लेने आए तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के सैकड़ों सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. देश भर में इन पर कई लोगों ने कोरोना फैलाना का आरोप भी लगाया, लेकिन अब कोरोना से ठीक होने वाले इन लोगों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं. ये सब प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं, जिससे कि प्लाज्मा थेरेपी हो सके.
तबलीगी जमात के 129 लोग हुए हैं ठीक
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक AIIMS झज्जर में भर्ती तबलीगी जमात के 129 लोग कोरोना से ठीक हो गए हैं और ये सब प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं. झज्जर हॉस्पिटल में कोरोना सर्विस की चेयरपर्सन डॉक्टर सुषमा झटनागर ने कहा, ‘हमने ठीक हुए कुछ मरीजों से उनका ब्लड डोनेट करने की अपील की थी और वे मान गए हैं. अब हम इस तैयारी में जुटे हैं कि आखिर कैसे इनसे सैंपल लिए जाएं जिससे कि प्लाज्मा थेरेपी में ये काम आ सके.’
प्लाज्मा लेने की हो रही है तैयारी
डॉक्टर सुषमा ने बताया कि वहां ज्यादातर जमात वाले लोग दिल्ली से बाहर के हैं, जिसमें कुछ विदेशी भी हैं. लॉकडाउन की वजह से घर नहीं जा सकते हैं ऐसे में इन्हें कहीं और शिफ्ट किया जाएगा. इसके बाद में इन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए बुलाया जाएगा. बता दें कि दिल्ली सरकार ने LNJP अस्पताल में कई गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी शुरू की है. इसका फायदा भी मिल रहा है . मरीज जल्दी ठीक भी हो रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना को मात देने वाले सभी लोगों से अपील की है कि वे दूसरे लोगों की जान बचाने के लिए आगे आएं.
प्लाज्मा थेरेपी क्या है?
प्लाज्मा थेरेपी या पैसिव एंटीबॉडी थेरेपी के लिए उस व्यक्ति के खून से प्लाज्मा लिया जाता है, जिसे कोरोना वायरस से उबरे हुए 14 दिन से ज्यादा हो चुके हों. संक्रमण से उबर चुके अलग-अलग लोगों के शरीर में अलग-अलग समय तक एंटीबॉडीज बनती रहती हैं. ये उसको हुए संक्रमण की गंभीरता और रोग प्रतिरोधी क्षमता पर निर्भर करता है.
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