रिलायंस जियो-फेसबुक डील ( Reliance Jio-Facebook deal) से भारत की डिजिटल पेमेंट यात्रा में एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है, जो कि Paytm और PhonePe जैसी स्थापित संस्थाओं के लिए नई चुनौतियां पेश करेगी. फेसबुक अपने इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन वाट्सऐप पे (Whatsapp Pay) के जरिए भुगतान पर काम कर रहा है, जो फिलहाल टेस्टिंग फेज में है. अब अपनी ताकत और रिलायंस की लोकल नॉलेज के साथ, दोनों पक्ष जल्द से जल्द पे प्रॉडक्ट ला सकते हैं.
एक शीर्ष बैंकर ने कहा, ‘इस सौदे के जरिए फेसबुक ने वो एक बीमा पॉलिसी खरीदी है. रिलायंस के सहयोग से यह देश में विनियामक वातावरण से बेहतर तरीके से निपट सकता है और जल्द ही Whatsapp Pay के साथ आ सकता है.’ फेसबुक ने रिलायंस जियो में 9.9% हिस्सेदारी $ 5.7 बिलियन (43,574 करोड़ रुपये) में खरीदी है, जो टेलीकॉम कंपनी को प्री-मनी वैल्यूएशन के 4.6 लाख करोड़ रुपये का मूल्यांकन करती है.
फेसबुक भारतीय बाजार में अपनी रुचि को दोगुना कर रहा है और वाट्सऐप के माध्यम से पे प्रोडक्ट की टेस्टिंग कर रहा है. भारत में वाट्सऐप के 400 मिलियन यूजर्स हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक हैं. रिलायंस के सौदे से पहले, उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि वाट्सऐप पे भारत में तीन बड़ी भुगतान कंपनियों Google पे, पेटीएम और Phone Pe को चुनौती दे सकता है. अब रिलायंस जियो की मदद से सोशल मीडिया दिग्गज वैलिड यूज ला सकता है और तेजी से बढ़ सकता है.
बैंकर ने कहा कि वाट्सऐप के लिए बड़ी चुनौती देश के अनिवार्य डेटा लोकलाइजेशन थे, जिनका पालन नहीं हो रहा था. उन्होंने कहा ‘यह सौदा Jio पेमेंट्स बैंक को भी मदद कर सकता है जो अभी तक उपभोक्ताओं के बीच बड़े पैमाने पर नहीं पहुंचा है. वाट्सऐप अपने लाखों यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर तेजी से वैलिड यूज केस के साथ ला सकता है.’
मैसेजिंग एप्लिकेशन की लोकप्रियता हर पीढ़ी के बीच है और जिस आसानी से कोई भी इसके जरिए लेन-देन कर सकता है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के ताजा आंकड़ों के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए मार्च में 1.2 बिलियन के जरिए लेनदेन हुए. जिसमें प्लेटफॉर्म के माध्यम से 2.06 लाख करोड़ रुपये का सेटेलमेंट किया गया है. अगर Whatsapp Pay को अनुमति देता है और उपभोक्ता Jio प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी खरीदारी पूरी करते हैं तो इससे संख्या में उछाल देखा जा सकता है.’
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