रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल मोर्चे पर नया कमांडर तैनात कर दिया है। एडीजी अशोक जुनेजा को नक्सल ऑपरेशन के साथ ही विशेष खुफिया शाखा (एसआइबी) की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जुनेजा को नक्सल अभियान के अलावा कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी नहीं दी गई है। गिरधारी नायक की सेवानिवृृत्ति के बाद से डीजीपी डीएम अवस्थी ही नक्सल ऑपरेशन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
सुकमा की घटना के बाद गंभीर हुआ मामला गृृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार नायक के सेवानिवृृत होने के बाद से नक्सल मोर्चे पर फुल टाइम अधिकारी की नियुक्ति को लेकर विचार चल रहा था। चुनाव समेत अन्य कारणों से मामला लगातार टल रहा था। मार्च में सुकमा में हुई बड़ी नक्सली वारदात की समीक्षा के दौरान फिर यह मुद्दा उठा। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृृहमंत्रालय ने राज्य सरकार से इसे गंभीरता से लेने का आग्रह किया था।
छत्तीसगढ़ की एसआइबी बेहद प्रोफेशनल है। सूत्रों के अनुसार बीते करीब 10-12 वर्षों में एसआइबी ने बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों से लेकर देश कई हिस्सों में नेटवर्क मजबूत कर लिया है। यही वजह है कि विभाग के पास नक्सल गतिविधियों की लगातार सूचनाएं मिलती रहती हैं। नक्सल मोर्चे पर फुल टाइम अधिकारी की तैनाती का असर बस्तर में नक्सल अभियान पर दिख सकता है। खुफिया सूचनाओं के आधार पर अब ऑपरेशन के प्लान में भी तेजी आएगी।
खुफिया विभाग संभाल चुके हैं जुनेजा
एडीजी जुनेजा राज्य में खुफिया विभाग की कमान संभाल चुके हैं। राज्य में वर्ष 2018 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान खुफिया विभाग इन्हीं के जिम्मे था। लंबे समय तक गृृह विभाग में सचिव भी रह चुके हैं।
बेहतर है अवस्थी और जुनेजा के बीच तालमेल
डीजीपी अवस्थी और एडीजी जुनेजा इससे पहले रायपुर संभाग में एक साथ काम कर चुके हैं। अवस्थी रायपुर रेंज आइजी और जुनेजा यहां के एसएसपी थे। इस दौरान इंदौर बैंक डकैती समेत कई केस सुझाए गए थे।
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