रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन के दौरान सभी गांवों में जरूरतमंद लोगों के लिए दो-दो क्विंटल चावल रखने के निर्देश दिए हंै, ताकि जरूरतमंद परिवारों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
उन्होंने पीडीएस के तहत दो माह के मुक्त राशन का वितरण प्रारंभ करने, दूध, सब्जी की दुकानों के साथ अनाज मंडी और पेट्रोल पंप जैसे पहले खुले रहते थे, वैसे ही खुले रखने के निर्देश दिए। श्री बघेल कल यहां अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा कर रहे थे।
तीन घंटे तक चली इस मैराथन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मंत्रीगण, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कमिश्नर, आई.जी., जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक, नगर निगम के कमिश्नर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सीमावर्ती राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटने वाले श्रमिकों को राज्य की सीमा पर सुविधाजनक स्थान जैसे स्कूल, आश्रम, हॉस्टल आदि स्थानों में ठहरने की व्यवस्था करें। वहीं पर उनके भोजन आदि की व्यवस्था की जाए और उन्हें राज्य के अंदर नहीं आने दिया जाए। श्रमिकों का इंटर स्टेट बार्डर पर चिकित्सीय परीक्षण कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण और बचाव के लिए राज्य में जो व्यवस्था की गई है उसकी देशभर से सराहना मिल रही है। उन्होंने कहा जिलों में कलेक्टरों द्वारा की गई व्यवस्था से सब्जियों के दामों में कमी आयी है। वहीं बस्तर में लघु वनोपज के संग्रहण का काम भी शुरू हो गया है।
बैठक में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
श्री बघेल ने कहा कि अन्य राज्यों में फसे श्रमिकों, यात्रियों, विद्यार्थियों आदि के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। इसके लिए सभी कलेक्टर संबंधित राज्यों के कलेक्टरों से सम्पर्क में रहें। उन्होंंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य से जो लोग बाहर हैं उनकी पूरी सूची तैयार कर ली जाए।
रोजी-रोटी की तलाश में आए दूसरे राज्यों के लोगों को यह बिलकुल महसूस नहीं होना चाहिए कि वे दूसरे राज्य में आए हैं। उनसे अपनेपन का व्यवहार किया जाए।
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