रायपुर। कोरोना वायरस के चलते छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरूवार को भूपेश मंत्रिमंडल के सभी विभागों के बजट प्रस्ताव को गिलोटिन के जरिए पारित कर दिया गया। बजट के साथ-साथ संशोधन विधेयकों को भी पारित किया गया। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में लिए गए निर्णय प्रस्ताव को सदन में स्वीकृत प्रदान करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।
कोरोना वायरस के चलते विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही 16 मार्च को करीब एक घंटे चलने के बाद 25 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस निर्णय से पूर्व कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई थी और इसी बैठक में निर्णय प्रस्ताव को सदन में संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने रखा था, जिसे आसंदी द्वारा स्वीकृती प्रदान की थी। कोरोना वायरस के कारण 09 दिन स्थगित रहने के बाद विधानसभा की कार्यवाही आज पुन: शुरू हुई। पर इससे पूर्व आज भी विधानसभा अध्यक्ष डा.चरणदा महंत की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई। इस बैठक में कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए एक बार फिर विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने पर चर्चा हुई।
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद विधानसभा की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई। कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले प्रदेश के सुकमा जिले में नक्सली हमला में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कार्यमंत्रणा की समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप सभी विभागों के बजट प्रस्ताव के साथ-साथ संशोधन विधेयकों को गिलोटिन के जरिए पास कराने की मांग करते हुए प्रतिवेदन सदन में पेश किया। कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए सभी विपक्षी दल के सदस्यों ने सभी विभागों के बजट को गिलोटिन के जरिए पास कराने पर अपनी सहमति भी दी, लेकिन भाजपा सदस्यों ने विधेयकों को गिलोटिन के जरिए पास कराने पर आपत्ति जतायी। इसके बाद इस प्रस्ताव पर मत विभाजन हुआ, जिसमें प्रस्ताव के पक्ष में 57 एवं विपक्ष में 14 मत पड़े। इसके बाद प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। कार्यवाही के दौरान भाजपा सदस्यों ने अनुपूरक कार्य सूची जारी किये जाने के विरोध में सदन का बहिष्कार भी किया। इसके बाद भी सदन की कार्यवाही जारी रही। दोपहर करीब 12.48 बजे विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।
ज्ञात हो कि कोरोना के कारण आज पत्रकारों को हाउस के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई, वहीं आधे से भी कम अधिकारियों और कर्मचारियों को आज विधानसभा बुलाया गया था।
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