रायपुर। प्रदेश सरकार द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तन किए जाने के निर्णय का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने विरोध किया है।
अभाविप के प्रदेश मंत्री शुभम जायसवाल ने कहा कि ऐसे समय में जब प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहा है, तब छत्तीसगढ़ के एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तन करना प्रदेश सरकार की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। प्रदेश सरकार को कम से कम शैक्षणिक संस्थाओं में तो राजनीति बन्द करना ही चाहिए और अपनी शक्ति राजनीति की इन ओछी हरकतों के बजाय कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के विरुद्ध संघर्ष में लगानी चाहिए।
श्री जायसवाल ने कहा कि स्व. कुशाभाऊ ठाकरे ने कभी किसी पद में न रहते हुए भी देश और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे आजीवन समाज के प्रति समर्पित कार्यकर्ता के रूप में पूरे देश भर में जाने गए। उनके जीवन सन्देशों को चिरस्थायी बनाने के लिये ही प्रदेश में पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर किया गया। प्रदेश मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि ऐसे महापुरुषों का जीवन सन्देश ही उनका स्मारक होता है अत:विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तन करना सरकार की क्षुद्र मानसिकता का ही परिचायक है। जीवन पर्यन्त उच्च आदर्शों को ध्यान में रखकर उनका कड़ाई से पालन करने वाले एक सद्पुरुष के नाम से स्थापित विश्वविद्यालय के नाम का परिवर्तन करना निंदनीय है और परिषद् इसकी कड़ी शब्दों में भर्त्सना करती है।
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