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न्यूज चैनल ने दो पुरुषों को किस करते हुए दिखाया, देश में मचा बवाल… जानें क्या है वजह…

स‍िंगापुर. चीन के राजधानी बीज‍िंग (Beijing) में स्‍थ‍ित नेशनल स्‍टेड‍ियम में 4 फरवरी से शीतकालीन ओलंप‍िक (Winter Olympics) समारोह की शुरूआत हो चुकी है. लेक‍िन इस समारोह की लाइव र‍िपोर्ट‍िंग की एक क्‍ल‍िप ने स‍िंगापुर (Singapore) में बवाल खड़ा कर द‍िया है. दरअसल, स‍िंगापुर के एक न्‍यूज चैनल ने उस क्‍ल‍िप को प्रसार‍ित कर द‍िया ज‍िसमें दो पुरुष समारोह के दौरान चुंबन साझा कर रहे हैं. यह क्ल‍िप स‍िंगापुर के चैनल न्यूज एशिया (Channel News Asia) पर प्रसार‍ित की गई है जबक‍ि स‍िंगापुर का प्रसारण कोड एलजीबीटी “जीवनशैली” को बढ़ावा देने वाली सामग्री को प्रतिबंधित करता है, और जहां पुरुषों के बीच यौन संबंध भी अवैध हैं.

शीतकालीन ओलंपिक उद्घाटन समारोह पर सिंगापुर की इस समाचार रिपोर्ट में बीजिंग बार (Beijing bar) से लाइव द‍िखाया गया क‍ि उत्सुक प्रशंसकों से स्‍टेड‍ियम खचाखच भरा है. इसमें दो पुरुषों को क‍िस (Gay kiss) करते हुए लाइव प्रसार‍ित क‍िया गया है.

ट‍िकटॉक पर 8.25 लाख ने देखी क्‍ल‍िप
एक उपयोगकर्ता ने इस मसले पर राय पेश करते हुए कहा है क‍ि चैनल न्यूज एशिया (CNA) द्वारा अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के एक संस्करण में किस (Gay kiss) की सुविधा नहीं है. लेकिन टिकटॉक (TikTok) पर किस की एक क्लिप (Video clip) को 8,25,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है. यह वास्तव में क्रांति का कार्य है. उपयोगकर्ता ने यहां तक कहा है क‍ि इसे चीन के लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo पर भी खूब शेयर किया गया है.

भेदभाव को लेकर जागरूकता बढ़ाने का काम कर रहा छात्र समूह
इस पर नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, कैलिडोस्कोप के एक प्रत‍िन‍िधि ने कहा क‍ि यह पुरुषों में से एक द्वारा दिया गया लुक है, जो सीधे कैमरे के बाद चुंबन के लिए तैयार होता है, जिसने कई लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. उन्‍होंने कहा क‍ि यूनिवर्सिटी में छात्रों द्वारा एक समूह बनाया गया है ज‍िसमें यौन अभिविन्यास, लिंग, जाति और वर्ग के आधार पर होने वाले भेदभाव को लेकर जागरूकता बढ़ाने का काम क‍िया जाता है.

चीन ने 1997 में समलैंगि‍क संबंधों को अपराध श्रेणी से न‍िकाला
उनका कहना है क‍ि हम नहीं जानते कि यह आदमी कौन है और क्या वह जानता था कि वे विशेष रूप से सीएनए के लिए चुंबन कर रहे थे या सामान्य रूप से सिर्फ एक कैमरा के ल‍िए कर रहे हैं. उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि चीन ने 1997 में समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया. लेकिन वहां समलैंगिक विवाह कानूनी नहीं है और LGBTQ+ समुदाय को भेदभाव और सेंसरशिप का सामना करना पड़ रहा है.

LGBT अधिकारों के मामले में स‍िंगापुर को बताया प‍िछड़ा
एलजीबीटी अधिकार संगठन सयोनी के सह-संस्थापक जीन चोंग ने कहा क‍ि सिंगापुर को एक विकसित देश माना जाता है, लेकिन एलजीबीटी अधिकारों के मामले में हम वास्तव में पिछड़े हैं. उन्‍होंने कहा क‍ि इस क्‍ल‍िप से पता चलता है क‍ि स‍िंगापुर के कानून क‍ितने पुराने हैं.

अथॉरिटी के इन दिशा-निर्देशों का पालन जरूरी
फ्री-टू-एयर और सब्सक्रिप्शन टेलीविज़न के लिए सिंगापुर के इन्फोकॉम मीडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ऐसी फिल्में जो “वैकल्पिक कामुकता, समलैंगिकता को दर्शाती है, इन सभी को सामुदायिक मूल्यों के प्रति संवेदनशील होनी चाहिए. वहीं, समलैंगिकता को बढ़ावा देने वाली फिल्मों को वर्गीकरण से वंचित कर दिया जाएगा.

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