महामारी बन चुके कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नोवल कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है। इस महामारी से कई लोगों की जान जा चुकी है तो वहीं कई लोग इस वायरस की चपेट में आने के बाद अभी भी जूझ रहे हैं। इस डर के बीच लोगों के लिए कोरोना वायरस को लेकर एक राहत देने वाली खबर सामने आई है।
कोरोना वायरस की दहशत के बीच एक देश ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस जैसी जानलेवा बीमारी के लिए वैक्सीन इजाद कर ली है। यही नहीं कहा जा रहा है कि जल्द ही इस वैक्सीन (टीके) की खेप सभी संक्रमित देशों को भेजे जाने की संभावना है। बताया जा रहा है कि इजराइल के इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने इस खतरनाक बीमारी का तोड़ निकाल लिया है। इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस (ष्टह्रङ्कढ्ढष्ठ-19) के टीके बनाए जा चुके हैं और उन्हें जल्द ही आधिकारिक मान्यता भी मिल जाएगी।
वहीं, इजराइल के रक्षा मंत्री नेफटाली बेनिट का कहना है कि हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के ऊपर शोध करके वायरस के नेचर को समझा है। साथ ही कोरोना वायरस के जैविक तंत्र (क्चद्बशद्यशद्द4द्बष्ड्डद्य स्4ह्यह्लद्गद्व) के बारे में भी बारीकी से अध्यन कर इसकी पहचान करने में सफलता हासिल की है। इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने स्थानीय न्यूज पेपर हएर्त्ज़ को बताया कि कोरोनो वायरस के प्रतिरोधक को विकसित करने में वक्त लगा लेकिन जल्द ही इसके इस्तेमाल से सफलता मिल सकती है। उनका कहना है कि संस्थान में 50 से अधिक अनुभवी वैज्ञानिक वायरस के वैक्सीन बनाने के कार्य में लगे हुए हैं।
उनका कहना है कि कोरोना वायरस वैक्सीन खोजने या परीक्षण किट खोजने के लिए व्यवस्थित कार्य योजना के अनुसार किया जाएगा। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के विकास प्रक्रिया को परीक्षण और प्रयोगों की एक श्रृंखला की आवश्यकता होती है जो टीकाकरण के प्रभावी और सुरक्षित होने में मदद करता है।जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए कई तरह के परीक्षण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। इसमें पहले जानवरों फिर उसके बाद इंसानों के ऊपर नई दवाई का प्रयोग किया गया है। इस दौरान वैक्सीन के इफेक्ट और साइड इफेक्ट की जांच कर अध्ययन भी किया जा रहा है।
इसके बाद वैक्सीन को चीनी दवा नियामक और अमेरिका की खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानी (स्नष्ठ्र) को भेजा जाएगा। फिर वैक्सीन को मान्यता के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद वैक्सीन को कोरोना प्रभावित देशों में भेजा जा सकता है।मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि 3 हफ्ते पहले जापान, इटली और अन्य देशों से कोरोना वायरस के नमूनों की 5 शिपमेंट इजराइल पहुंचाई गई थी। जिसके बाद उसे इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च के लिए लाया गया। यहां वैज्ञानिकों ने नमूनों पर अध्ययन कर वैक्सीन तैयारी की है।
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