रायपुर। विधानसभा में बुधवार को राजधानी रायपुर में एक्सप्रेस वे के निर्माण में अनियमितता का मामला जोर-शोर से उठा। इस मामले में लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में दोषी 6 अधिकारियों को सस्पेंड करने की घोषणा की। प्रश्रकाल में आज जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) पार्टी के विधायक धर्मजीत सिंह ने यह मामला उठाया।
उन्होंने अपने प्रश्रों के जरिए लोक निर्माण मंत्री से जानना चाहा कि रेलवे स्टेशन से शदाणी दरबार तक के एक्सप्रेस-वे के निर्माण में पायी गयी अनिमितता की जांच किस स्तर के अधिकारियों से कराई गई और जांच में दोषी पाये गये ठेकेदार व अधिकारियों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई।
इसके जवाब में मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) अटल नगर से जांच करायी गयी है। जांच 13-8-19 से 31-12-19 तक की गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में ठेकेदार को अभी हटाया नहीं गया है क्योंकि उसी ठेकेदार से एक्सप्रेस-वे में पायी गई कमियों को दूर कराया जाएगा।
हालांकि इस मामले में कंस्लटेंट की भी गलती पायी है, जिसे सस्पेंड करते हुए एक करोड़ 18 लाख रूपये की वसूली की जाएगी। इस पर धर्मजीत सिंह ने 3 अधिकारियों का सदन में नाम लेते हुए कहा कि इस मामले में इन अधिकारियों के अलावा अन्य अधिकारी भी दोषी है।
उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। उन्होंने मांग की कि उन अधिकारियों को भी सदन में सस्पेंड करने की घोषणा की जानी चाहिए। इसके बाद लोक निर्माण मंत्री ने सदन में सभी 6 अधिकारियों को सस्पेंड करने की घोषणा की है।
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