वायरलस्लाइडर

सरकारी स्कूल की महिला प्रिंसिपल ने दी ऐसी सजा कि हॉस्टिपल पहुंच गई छात्राएं…अकड़ गया था पूरा शरीर…रो-रो कर सुनाई पूरी दास्तान.. सुनकर ही उड़ जाएंगे होश…

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में सरकारी आवासीय स्कूल की महिला प्रिंसिपल की दी हुई अमानवीय सजा से 10वीं की छात्राएं अस्पताल पहुंच गईं. मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, प्रिंसिपल ने छात्राओं को डेढ़ सौ से भी ज्यादा बार कान पकड़ कर उठक-बैठक करने की सजा दी।

इस वजह से छात्राओं की कमर और पैरों में सूजन आ गई। छात्राओं का शरीर पूरी तरह अकड़ गया था और असहनीय दर्द के कारण छात्राओं को चलने और उठने-बैठने में परेशानी होने लगी। मामला तब सामने आया जब ये छात्राएं दर्द से कराहते हुए अस्पताल पहुंचीं।



चंद्रपुर से 100 किलोमीटर दूर चिमूर गांव में समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाये जा रहे सरकारी आवासीय स्कूल में पढऩे वालीं 10वीं की 38 छात्राओं को स्कूल की प्रिंसिपल ने महज इसलिए अमानवीय सजा दी क्योंकि स्कूल असेंबली के दौरान इन छात्राओं के चलने के कारण हो रही आवाज से असेंबली डिस्टर्ब हो रही थी।

इस महिला प्रिंसिपल ने 10वीं की 38 छात्राओं को 150 से भी ज्यादा बार कान पकड़ कर उठक-बैठक कराया, वह भी स्कूल की हर क्लास रूम में ले जा कर बाकी की सभी छात्राओं के सामने। प्रिंसिपल ने छात्राओं को धमकी भी दी कि अगर सजा पूरी नहीं करेंगे तो प्रैक्टिकल के मार्क नहीं मिलेंगे, इसलिए मजबूरन छात्राओं को सजा पूरी करनी पड़ी।
WP-GROUP

वहीं डॉक्टर के मुताबिक, छात्राओं के कमर और पैर में ज्यादा सूजन होने की वजह से दर्द के मारे छात्राओं को चलने-फिरने में परेशानी हो रही है. पूरा मामला समझने के बाद डॉक्टर ने इसकी शिकायत पुलिस और शिक्षा विभाग में की।

डॉक्टर ने आगे बताया कि स्कूल से कुछ छात्राएं मेरे पास आई थीं. टोटल 6 छात्राएं थी। उन्होंने बताया क?ि मैडम ने उन्हें पनिशमेंट दी है लेकिन उनकी पनिशमेंट इतनी गंभीर थी कि जब मैंने उनको जांचा तो उनका लोअर बैक पूरा अकड़ गया था पैर में सूजन थी. वे मेरे पास रोते हुए आई थीं। मैंने उनको ट्रीटमेंट देकर पुलिस और एजुकेशन ऑफिसर को बताया।

यह भी देखें : 

भूपेश कैबिनेट की बैठक 29 को सतरेंगा में…सतरेंगा को जल पर्यटन के रूप में विकसित करने का प्रयास…

Back to top button
close