रायपुर। बजट सत्र के दूसरे दिन धान खरीदी के मुद्दे पर सदन गरमाया। विपक्षी दल ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा कराए जाने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम किसान, गरीब और आदिवासी के हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
इस बीच मंत्री शिव डहरिया ने इस मामले में टिप्पणी की जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। इस हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्र काल के बाद किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विपक्ष के लाए स्थगन प्रस्ताव पर अध्यक्ष चरण दास महंत की अनुमति के बाद चर्चा शुरू हुई ।
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने स्थगन प्रस्ताव के दौरान कहा कि प्रदेश में 1.34 लाख किसान अब तक धान नहीं बेच पाए हैं, उनका धान खरीद लें। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा जिन किसानों का धान नहीं बिका जो टोकन लेकर घूम रहे हैं, उन किसानों का धान सरकार खरीद लें।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने जवाब देते हुए कहा चर्चा होगी तो पूरी चर्चा होगी, हमने पीएम और कृषि मंत्री से भी मुलाकात का समय मांगा है, बायोएथेनॉल बनाने की मांग की है। केंद्र सरकार किसानों का धान 1815 रुपये से ऊपर दाम पर खरीदने में रोड़े अटका रही है। हमने 83 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इसपर कहा किसानों का धान खरीदकर आप कोई अहसान नहीं कर रहे हैं। आपने वादा किया था एक एक दाना धान खरीदेंगे। आप 15 क्विंटल धान नहीं खरीद पा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा सरकार एक लाइन की घोषणा करे, कि पंजिकृत किसानों का बचा धान खरीदा जाएगा।
धान खरीदी मसले पर आक्रामक विपक्ष ब्लैक ड्रेस कोड में सदन में मौजूद है, विपक्ष ने धान मसले पर स्थगन प्रस्ताव दिया,जबकि अध्यक्ष चरणदास महंत इसे पढ़ रहे थे, तब ही मंत्री शिव डहरिया ने टिप्पणी कर दी, जिसके बाद विपक्ष खड़े होकर नारेबाज़ी करने लगा और मंत्री की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
विपक्ष के नारेबाज़ी के जवाब में सत्ता पक्ष के विधायक भी खड़े हो गए और नारेबाज़ी करने लगे। सदन में देर तक शोरगुल होता रहा। इस बीच सदन के नेता भूपेश बघेल ने कहा हम चर्चा को तैयार है, किसान का मुद्दा गरीब का मुद्दा आदिवासी का मुद्दा सरकार हमेशा चर्चा को तैयार है.. मैं आग्रह करता हूँ इस स्थगन को स्वीकार किया जाए और इस पर चर्चा की जाए।
इस बीच हंगामा लगातार चलता रहा। विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने मंत्री की टिप्पणी को विलोपित करने के निर्देश दिए, लेकिन नारेबाज़ी और हंगामा थमा नही। जिसके बाद आसंदी ने कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
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