रायपुर। धान का दाना-दाना खरीदने वाली सरकार अब धान नहीं खरीद रही हैं। यह आरोप कवर्धा के किसानों ने लगाया हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इच्छामृत्यु की मांग की हैं। सरकार के खिलाफ अब प्रदेशभर के किसान एकजुट होने लग गए हैं।
धान खरीदी की तारीख भी खत्म हो चुकी हैं। जगह-जगह चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में कवर्धा जिले के बिरकोना के 400 किसानों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की हैं।
बिरकोना के किसानों ने नेशनल हाईवे पर 34 गांव के किसान अपना धान 100 ट्रेक्टरों में रखकर सड़क जाम कर दिए हैं। वहीं किसानों का यह भी आरोप है कि 48 घंटे बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशासन उनकी तरफ झांकने तक नहीं आया हैं। पिपरिया-पनेका-बिरकोनी सोसयटी के किसानों द्वारा धान खरीदी नहीं होने के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग बिरकोना में जाम किया गया। वहीं सलिहा, लोहारा, राजनांदगांव रोड़ पर 28 गांव के किसान 300 ट्रेक्टर धान लेकर खड़े हैं।
इसी तरह परसवारा, पंडरिया क्षेत्र के 20 गांव के 400 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई हैं। वहीं किसानों का आरोप है कि कुंडा पोड़ी में दबावपूर्वक प्रशासन द्वारा चक्काजाम हटाया गया हैं। सरकार की अनदेखी और अडिय़ल रवैये को देखते हुए सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग किसानों ने की हैं।
जाम के दौरान जिस प्रकार से ट्रैक्टरों में धान पड़ा है और सोसायटियों में इसे नहीं खरीदा जा रहा है इससे यह स्पष्ट है कि सरकार कहीं न कहीं आर्थिक स्थिति से जूझ रही हैं और सुनिश्चित आंकड़े के तहत धान खरीदी का ब्योरा देकर सरकार इन मुद्दों से मुंह मोड़ रही हैं।
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