भिलाई। पुलिस को मामलों को सुलझाने के लिए अलग-अलग तरीकों का सहारा लेना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में सामने आया है। भिलाई नगर थाना पुलिस के जवानों की एक टीम को गुमशुदा नाबालिग को खोजने का जिम्मा सौंपा गया।
झारखंड, बिहार व नागपुर में अलग अलग टीमें जांच के लिए गईं, लेकिन नाबालिग का कोई भी सुराग पुलिस को नहीं मिल रहा था। ऐसे में एक फोन कॉल ने पुलिस की उम्मीदों को जिंदा किया और फिर शुरू हुआ नाबालिग का रेस्क्यू टास्क।
पुलिस (Police) से मिली जानकारी के मुताबिक 11वीं कक्षा का एक नाबालिग छात्र पीजी रूम से अचानक गायब हो गया। छात्र के बड़े भाई ने अपहरण की आशंका जताई और भिलाई नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
दोनों भाई बिहार के गया से पढ़ाई के लिए भिलाई आए थे। भिलाई नगर थाना क्षेत्र में दोनों पीजी रूम में रहते हैं। शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन कोई भी सुराग नहीं मिल रहा था।
रिश्तेदार के पास आया कॉल
भिलाई नगर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इसी बीच गायब नाबालिग का कॉल गया में अपने रिश्तेदार के पास आया। इसकी जानकारी पुलिस को मिली। पुलिस की टीम ने जब दोबारा उस नंबर पर कॉल किया तो कोई जवाब नहीं मिला। नाबालिग को कोई खतरा न हो, इसलिए पुलिस ने ऐहतियातन कोई दबाव नहीं बनाया।
…तो शुरू की चैटिंगनाबालिग का रेस्क्यू करने के लिए पुलिस ने अलग तरीका अपनाया। पुलिस के एक जवान ने लड़की बनकर संदिग्ध नंबर पर मैसेज किए। कुछ देर बाद रिप्लाई आया।
इसके बाद बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। इस बीच बात करने वाले युवक को भरोसे में लेने के लिए मनमोहक बातें भी की गईं। जब युवक को भरोसा हो गया कि वो लड़की से ही बात कर रहा है तो उसने अपना पता बता दिया।
…फिर मुंबई रवाना हुई टीम
भिलाई नगर थाने में पदस्थ एएसआई दयाशंकर पांडेय व प्रधान आरक्षक मुरलीधर कश्यप को युवक के बताए पते मुंबई के ताड़देव पुलिस थाना क्षेत्र के लिए रवाना किया गया।
दयाशंकर पांडेय ने बताया कि वहां पहुंचने पर पता चला कि जिस युवक से चैटिंग की जा रही थी, नाबालिग उसी के साथ कमरे में रहता है और उसने रोजगार के लिए सिक्योरिटी गार्ड का काम भी शुरू कर दिया है। नाबालिग को वहां से रेस्क्यू कर बीते 21 फरवरी को भिलाई लाया गया। कानूनी प्रक्रिया के बाद उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
नहीं झेल सका साइंस का प्रेशर
नाबालिग ने पुलिस को बताया कि वो भिलाई के एक निजी स्कूल में पढ़ाई करता है। कक्षा 11वीं में वो साइंस का प्रेशर नहीं झेल पा रहा था। खासकर फिजिक्स सब्जेक्ट उसे बहुत कठिन लग रहा था।
इसलिए ही वो बिना बताए मुंबई चला गया। वहां वो सिक्योरिटी गार्ड का काम करने लगा था। पुलिस ने नाबालिग के गायब होने के एक महीने के भीतर ही उसका रेस्क्यू कर लिया।
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