सूरजपुर। देष में प्लास्टिक को लेकर क्रांति के बाद सभी स्थानों पर प्लास्टिक से निजाद पाने विभिन्न प्रयास किय जा रहे हैं इसी बीच सूरजपुर जिले के कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देषन में जिले को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चला कर प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की पहल किया जा रहा है।
प्लास्टिक के पर्यावरण को नुकसान पहुॅचाने वाले स्वभाव से आम लोगों को अवगत कराते हुए जिले में प्लास्टिक उपयोग न करने की समझाइष दी जा रही है इसमें महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएॅ, स्कूली बच्चे बढ़कर चढ़कर भाग ले रहे हैं और जनसहभागिता को आवह्ान करते हुए प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुष लगाने व इसके स्थान पर कपडे़ व जूट के बैग, मिट्टी की सामग्री, कम्पोस्टेबल कैरी बैग का उपयोग करने जागरूकता फैलाई जा रही है।
इसी के संदर्भ में नगरपालिका परिषद सूरजपुर क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त अभियान’’ के तहत महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा प्लास्टिक के विकल्प के रूप में पेपर बेग, कपड़े के झोले, तथा मिट्टी के बर्तनों के अलावा केन्द्रीय पर्यावरण एवं प्रदुषण बोर्ड के द्वारा अधिकृत कम्पोस्टेबल कैरी बैग के माध्यम से रोजगार के नये अवसर सृजित किया गया है।
दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिषन के तहत गठित महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा जिले में कम्पोस्टेबल कैरी बैग के क्रय-विक्रय का कार्य किया जा रहा है, साथ ही महिलाओं के द्वारा पुराने एवं अनुपयोगी कपड़ों से झोले बनाकर प्लास्टिक थैली के विकल्प के रूप में व्यवसाय किया जा रहा है। इसके साथ ही पुराने न्यूज पेपर का उपयोग कर पेपर बैग बनाकर भी बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्लास्टिक उपयोग से वन्य जीवों एवं मानवीय जीवन पर होने वाले प्रतिकुल प्रभावों के कारण प्लास्टिक के विकल्प के रूप में समूह के द्वारा तैयार किए जा रहे पेपर बेग, जूट बेग तथा कपड़े के झोलों को बनाकर बाजारों में उपलब्ध कराया जा रहा है जो आज उनकी आजीविका का साधन भी बना है।
इसके उपयोग से न फिर प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से पर्यावरण एवं मानवीय जावन पर होने वाले विपरीत प्रभावों को रोका जा सकता है बल्कि स्थानीय एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर आजीविका के नए अवसरों का सृजन होगा।
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