अब चार माह नहीं होंगे शुभ कार्य…देवउठनी एकादशी तक करना पड़ेगा इंतजार…

रायपुर। कल से चातुर्मास शुरू हो गया। इसके साथ ही अब चार माह कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे। शुभ कार्य करने के लिए देवउठनी एकादशी का इंतजार करना होगा। इसके बाद ही शुभ कार्य होंगे। इन चार माह तक भगवान विश्राम करेंगे।
जनकपुरी से अपने धाम वापस लौटने के बाद भगवान श्रीजगन्नाथ कल से अनसर काल में चले गए। देवशयनी एकादशी के अवसर पर कल स्थानीय जगन्नाथ मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के पश्चात भगवान जगन्नाथ को भोग चढ़ाया गया।
उसके बाद चातुर्मास शुरू हो जाता है। भगवान के अनसर काल में चले जाने के कारण आगामी कुछ माह शुभकार्य नहीं किए जाते हैं, अब सीधे देव उठनी एकादशी के पश्चात ही शुभ कार्य होंगे।
गौरतलब है कि रथयात्रा पर्व देवस्नान ज्येष्ठ पूर्णिमा चंदन यात्रा के साथ शुरू हुआ था। जहां करीब डेढ़ महीनों तक पर्व के कई रस्में पूरी की गईं। इसके तहत आज अंतिम रस्म देवशयनी एकादशी सम्पन्न की गई। इसके बाद भगवान को भोग चढ़ाया गया।
धार्मिक मान्यतानुसार भगवान विष्णु जब वामन अवतार में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे, तब राजा बलि से भगवान विष्णु ने दान के रूप में तीन पग जमीन मांगा। पहले पग में धरती और दूसरा आकाश के बाद जगह न होने पर भगवान विष्णु ने राजा बलि के शीष पर तीसरा पग रखा था।
इसके बाद राजा बलि पाताल लोक पहुंच गए। तभी भगवान विष्णु ने बली की दानवीरता से खुश होकर वरदान देने की इच्छा प्रकट की। तभी राजा बलि ने अपने द्वार में भगवान विष्णु को चार माह तक द्वारपाल रहने तथा वर्ष में एक बार राजा बलि ने अपनी प्रजा से मिलने धरती पर आने का वरदान मांगा था। इसी मान्यता के अनुसार भगवान चार माह पाताल लोक में राजा बलि के द्वारपाल बनेंगे।
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