राजनांदगांव। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं पुलिस विभाग राजनांदगांव के संयुक्त तत्वावधान में आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में एसिड हमलों से पीडि़तों की सुरक्षा के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। नालसा की योजना एसिड हमलों से पीडि़तों के लिए विधिक सेवा योजना 2016 के अंतर्गत पैरालीगल वालिटियर्स घर-घर एवं गांव-गंाव जाकर महिलाओं की सुरक्षा हेतु जागरूक करेगें।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रवीण मिश्रा ने कहा कि भारत संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को जीवन और स्वतंत्रता जीवन जीने का अधिकार है। एसिड हमलों के पीडि़तों सहित सभी के सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। स्त्री का रूवरूप भारत मातृ एवं देवी का है। चाहे वो बहन, बेटी, पत्नी व माता के रूप मेंं है। जिस पर कभी भी अत्याचार नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें सदैव प्रसन्न रखना चाहिए।
इस प्रकार प्रत्येक पुरूष वर्ग के भविष्य में समृद्धि एवं खुशहाली पा सकेगें। ”एसिड हमला एक अपराध है जो कि पुरूष अथवा महिला के प्रति किया जा सकता है, रिपोर्ट किये गये मामलो में अधिकाश: एसिड हमलेे प्रेमियों के प्रस्ताव को ठुकरानेे, विवाह के प्रस्तावों को अस्वीकार किये जाने, दहेज न देने आदि के कारण, महिलाओं पर विशेष रूप से, युवतियों पर किये गये हैं।
पुलिस प्रशासन द्वारा पेट्रोलियम से जो तीसरी आंख की सहायता मिलेगी उसका आशय है कि ऐसे आरोपियों को धर-पकड़ के लिए कार्य करेगी जो इस कार्य अंजाम देती है एवं प्राधिकरण द्वारा घर-घर, गांव-गांव जाकर एसिड हमलों से पीडि़तों के लिए विधिक सेवा योजना, कानूनी सहायता, पूर्ण दस्तावेज एवं पीडि़तों हेतु क्षतिपूर्ति दिलाये जाने के संबंध में अधिक से अधिक से कार्य करने को तत्पर रहेगी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जागरूकता अभियान के तहत एसिड की ओवर द काउंटर बिक्री प्रतिबंधित है। पैरालीगल वालिटियर्स को एसिडों को बिक्री की किन्हीं घटनाओं की जानकरी मिलने भी वे इसके सूचना संबंधित विभाग एवं थाना का दे सकते है ताकि ततसंबंध में उचित कार्रवाई शीघ्र हो।
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