
राजिम। माघी पुन्नी मेला रविवार को अपने पूरे रंगत में दिखा। जिधर नजर दौड़ाए उधर भीड़ ही भीड़ दिखी। 9 फरवरी से प्रारंभ पुन्नी मेला में रविवार को सुबह 10 बजे से लोगों का आना शुरू हो गया और देखते ही देखते भीड़ बढ़ती गई।
लम्बा चौड़ा वर्गाकार क्षेत्रफल में फैले मेला में मेलार्थी परिवार सहित तो कोई दोस्तों व सहेलियों के साथ मेला देखने आये हुए थे। अपरान्ह 3 बजे राजिम पुल में पॉच-पॉच मिनट के अन्तराल में ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति निर्मित होती रही।
पुल पर आने-जाने के लिये बीच में डिवाइडर बनाया गया है ताकि लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। वैसे बड़ी व माल वाहक गाडिय़ां बेलाही पुल व चैबेबॉधा पुल होते हुए बाहर से ही डायवर्ट किया गया है।
नदी मेला क्षेत्र पहुंचने के लिये नवापारा के नेहरू घाट, बेलाही घाट रोड तथा राजिम से पंचेश्वर महादेव मंदिर से मुख्य रेत की सड़क बनी हुई है। चौड़ी सड़कों से लोग दिनभर आवाजाही करते रहे।
ज्ञातव्य हो कि मेला में संत-समागम शुरू हो चुका है। विभिन्न अखाड़ों से आये साधु-संतों के द्वारा प्रवचन किए जा रहे हैं। जिन्हें सुनकर श्रोतागण भाव विभोर हो रहे हैं। दुकानों में आज जमकर खरीददारी हुई। कल मेला में दुकान लगाने वाले हर व्यापारी प्रसन्न दिखे।
मीना बाजार के टोरा-टोरा झूला आकाश झूला, डिस्को डान्स झुला के साथ ही मौत का कुॅआ, क्राफ्ट बाजार, कपड़े दुकान, मनियारी, जूता, मिठाई, लोहे की दुकान, खाद्य पदार्थो के दुकानो के अलावा भीड़ देर रात तक डटी रही।
फ्रांस की चैथी टीम पहुंची
फ्रांस से आज भी चार सदस्यीय टीम राजिम मेला में दिखे। लगातार फ्रांस से सैलानियों की टीम यहां की धार्मिक और ऐतिहासिक स्मारकों और संस्कृति को करीब से जानने आ रहे हैं। 3 दिन पहले फ्रांस से भारत आये ये सैलानी राजिम मेला में घूम घूमकर मेला का आनन्द उठा रहे हैं।
वे यहां चप्पल, मिठाई और मिट्टी के बर्तन खरीद रहे हैं। उनके साथ तेजस्वनी ने बताया कि वे भारत सामाजिक कार्यों को समझने और शामिल होने आए हैं। सैलानी मेला क्षेत्र में घूमघूम कर शॉपिंग भी किया। इस दौरान बच्चों ने उनके साथ सेल्फी भी लिए।
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