कोरोना वायरस से चीन में मौत का आंकड़ा 1100 के पार पहुंच गया है। पूरी दुनिया में अब तक करीब 45,000 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। आइए जानते हैं इस वायरस का असर दिखने पर क्या करना उचित होता है।
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, वुहान के एक अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित 138 लोगों का इलाज किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को वायरस से जुड़ी कुछ अनसुलझी पहेलियों के जवाब मिले। साथ ही ये भी पता लगा कि एक वायरस पूरे अस्पताल में आखिर कैसे फैल गया।
वुहान यूनिवर्सिटी के झोगनान अस्पताल के डॉक्टर झियोंग पेंग ने बताया कि उनकी टीम ने अब तक करीब 40% संक्रमित रोगियों का इलाज अपने अस्पताल में किया है। इसके लिए यहां 40 हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की मदद ली गई थी।
क्या होते हैं शुरुआत लक्षण?
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति में शुरुआती लक्षण बेहद साधारण होते हैं। इस दौरान व्यक्ति को बुखार आता है और बहुत ज्यादा थकावट होती है। साथ ही रोगी को सूखी खांसी होती है। इसके अलावा कई लोगों में डायरिया जैसी भी शिकायतें देखने को मिली हैं।
कैसे करें वायरस की पहचान?
कोरोना वायरस के दौरान इंसान के गले में काफी दिक्कतें आने लगती हैं। इस वायरस के जैनेटिक मैटीरियल को पॉलीमर चेन रिएक्शन (पीसीआर) के जरिए पहचाना जा सकता है।
चेस्ट स्कैनर
कोरोना वायरस से संक्रमित कुछ मरीजों की जब सीएटी स्कैनर से जांच हुई तो उनके फेफड़ों में कुछ स्पॉट नजर आए। मेडिकल की भाषा में इसे ‘ग्राउंड ग्लास’ कहा जा रहा है।
किन्हें ज्यादा खतरा?
कोरोना वायरस से संक्रमित केवल 25 फीसदी लोगों को ही आईसीयू में भर्ती किया गया है। ये लोग एक्यूट रेस्पीरेटरी डिसट्रेस सिंड्रोम का शिकार हुए हैं। इस स्थिति में फेफड़ों में एक तरह का फ्लूड भर जाता है और उसमें ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। किडनी खराब होने के चलते इंसान की मौत हो जाती है। ये वायरस उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है जो पहले से ही कमजोर हैं।
बूढ़े लोगों को ज्यादा खतरा?
डॉक्टर्स का कहना है कि उम्रदराज लोगों के लिए यह वायरस ज्यादा खतरनाक है। उनके अस्पताल में अब तक 22 से लेकर 92 साल की उम्र तक के रोगी आए हैं, लेकिन 56 साल के रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है।
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