रायपुर। विश्वशांति के लिए नोबल पुरूस्कार प्राप्त बौद्व धर्म अरहत एवं लामा के प्रमुख दलाईलामा वर्ष 2010 और 13 में जब सिरपुर आए थे। उस वक्त उन्होंने 10 घंटा समय व्यतीत कर सिरपुर के बौद्व विरासत को पहचान कर उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को कहा था कि सिरपुर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के रूप में तैयार कर बौद्व विरासत को सम्मान दे। लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
अगर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह इस ओर गंभीरता से ध्यान देते तो शायद सिरपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी पहचान जरूर मिल जाती। भारतीय बौद्व महासभा के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष बी.एस. जागृत ने बताया है कि जिला महासमुंद क्षेत्र सिरपुर स्तित हैं। जिसकी दूरी राजधानी से 79 किमी है जो कि कलकता मार्ग से तुमगांव के आगे कुहरी मोड़ से 19 कि.मी. दूरी पर महानदी के किनारे हैं।
इस क्षेत्र में कुल 7 सौ टीले है जिसमें 10 बौद्व विहार तथा 69 बुद्व की प्रतिमाएं अलग-अलग प्रकार की प्राप्त हुई हैं। बुद्व की भव्य प्रतिमाएं एवं पुरातात्विक अवशेष कलकता, रायपुर, सिरपुर, नागपुर, मुंबई और दिल्ली के म्यूजिम में सुरक्षित रखी गई हैं। इसलिए इस क्षेत्र को पुरातत्व विभाग के द्वारा खुदाई की आवश्यकता हैं। उन्होंने आगे बताया कि अगर इस क्षेत्र में पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई किया जाता है तो यह विश्व का सबसे बौद्व विरासत का क्षेत्र अपने आप में धरातल पर नजर आयेगा।
इसलिए इस क्षेत्र की खुदाई विकास और उन्नति जरूरी हैं। जागृत ने वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि विश्व की सबसे बड़ी बौद्व विरासत सिरपुर को अंर्तराष्ट्रीय स्तर का पर्यटक केन्द्र बनाया जाए साथ ही संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से भी इस विषय में चर्चा की गई है जहां पर उन्हें आश्वासन मिला है कि जल्द ही इस पर विचार किया जाएगा।
यह भी देखें :
Add Comment