रायपुर। रमन सरकार में दिग्गज अफसर कहलाने वाले अमन सिंह तकड़ा झकटा लगा हैं। अमन और यास्मीन सिंह को हाईकोर्ट के स्टे को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुवे हाईकार्ट बिलासपुर को इस मामले की जल्द अंतिम सुनवाई के लिये आदेशित किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज रमन सरकार के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी यासमीन सिंह की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट के स्टे पर छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में की गई अपील की सुनवाई करते हुए कहां की यह मामला 1 वर्ष से ज्यादा लंबित हो गया है और हाई कोर्ट बिलासपुर जल्द से जल्द इस पर अपना अंतिम निर्णय जारी करें।
ज्ञात हो कि 1 वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी के द्वारा एक लिखित शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रेषित की गई थी। जिसमें कि रमन सिंह के पूर्व मुख्य सचिव अमन सिंह की आय से अधिक संपत्ति एवं उनकी धर्मपत्नी यास्मीन सिंह की संविदा नियुक्ति की जांच के लिए पत्र लिखा गया था। मामले की जांच रोकने एवं जांच रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने के विषय को लेकर अमन सिंह और यास्मीन सिंह द्वारा हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका प्रस्तुत की गई थी।
जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट बिलासपुर ने दोनों पक्षकारों को राहत देते हुए स्टे दे दिया था। इस स्टे को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। जिस पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट बिलासपुर को निर्देशित किया है कि इस मामले में जल्द से जल्द अंतिम सुनवाई करते हुए आदेश जारी करें।
वहीं इस मामले प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि उन्हें न्याय पर पूरा भरोसा है और वह सुप्रीमकोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हैं उन्होंने कहा कि लगातार इस मामले को लेकर उन्हें मानहानि के मुकदमे की धमकी मिल रही थी। लेकिन उसकी परवाह ना करते हुए वह लगातार यह लड़ाई जारी रखे हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी आभार व्यक्त किया है।
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