वन विभाग में मनमानी भर्ती, ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा

उत्तराखंड के वन विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न डिवीजन में डीएफओ ने स्वीकृत पदों के विपरीत अपनी सुविधा के अनुसार अधिक कर्मचारियों को भर्ती कर लिया है। इसका खुलासा वित्त विभाग की आडिट रिपोर्ट में हुआ। भर्ती किए गए लोगों को लाखों रुपए का भुगतान भी कर दिया गया है। जिससे राजकोष को 86 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। स्वीकृत पदों के विपरीत भर्तियों का यह मामला रुद्रप्रयाग वन प्रभाग,अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग, गोपेश्वर, देहरादून वन प्रभाग से जुड़ा है। रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में वर्ष 2014-15 में वन दारोगा के स्वीकृत 20 पदों के विपरीत 44 लोग भर्ती की है। इसी तरह मुख्य सहायक के एक पद के बदले दो और माली के पांच पदों के स्थान पर सात लोग नियुक्त कर दिए है। भूमि संरक्षण वन प्रभाग, गोपेश्वर में डिप्टी रेंजर के 11 पद स्वीकृत हैं, लेकिन यहां 14 लोग तैनात कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं 14 फारेस्ट गार्ड के स्थान पर 30 लोग तैनात कर दिए गए हैं। देहरादून वन प्रभाग में भी कुछ ऐसा ही खेल खेला गया है। यहां डिप्टी रेंजर, फारेस्ट गार्ड, प्रशासनिक अधिकारी, कनिष्ठ सहायक और चौकीदार के कुल 67 पदों के विपरीत 105 लोगों को तैनात कर दिया गया।