नई दिल्ली. अगर आप पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payments Bank) का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके लिए महत्वपूर्ण है. दरअसल, पेटीएम पेमेंट बैंक ने ग्राहकों को धोखाधड़ी के जाल में फंसाने के लिए किए जाने वाले फोन नंबरों की पहचान की है. PPB ने 3,500 फोन नंबरों की सूची गृह मंत्रालय, ट्राई (Trai) और सीईआरटी-इन (CERT-In) को सौंपी है. जालसाज इन फोन नंबरों के जरिये ग्राहकों को धोखाधड़ी के जाल में फंसाते थे. पीपीबी ने दावा किया कि उसने इस स्कैम को रोकने के लिए इन लोगों के खिलाफ साइबर सेल में भी प्राथमिकी दर्ज की है.
मोबाइल फोन, एसएमएस और कॉल के जरिए हो रही थी धोखाधड़ी
ट्राई, गृह मंत्रालय और सीईआरटी-इन के अधिकारियों के साथ कई बैठकों में पीपीबी ने विभिन्न संवेदनशील सूचनायें जुटाने और धोखाधड़ी वाले मोबाइल फोन, एसएमएस और कॉल के जरिये हो रहे घोटाले की जानकारी दी. इसकी वजह से डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहक प्रभावित हो रहे हैं. सीईआरटी-इन कंप्यूटर सुरक्षा संबंधी मामलों में कार्रवाई करने वाली एजेंसी है
पीपीबी ने कहा कि अधिकारियों के साथ बैठक में कंपनी ने स्पष्ट कर दिया कि इस तरह की धोखाधड़ी से लाखों भारतीयों का भरोसा डगमगाता है. बयान में कहा गया है कि हमारे जैसे बैंक इन नंबरों की पहचान कर भविष्य में धोखाधड़ी और घोटालों को विधि प्रवर्तन एजेंसियों, नियामकों और दूरसंचार आपरेटरों के सहयोग से रोका जा सकता है.
पेटीएम पर केवाईसी के नाम से हो रही धोखाधड़ी
बता दें कि इस समय Paytm में केवाईसी (KYC) के नाम पर धोखाधड़ी के मामले सबसे अधिक देखने को मिल रहे हैं. इसमे धोखेबाज खुद को पेटीएम कस्टमर केयर टीम का बताकर ग्राहक को कॉल करता है. वह ग्राहक से पेटीएम सर्विस को जारी रखने के लिए केवाईसी कंप्लीट करने के लिए कहता है. इसके लिए वह ग्राहक से ऐप डाउनलोड करने के लिए भी कहता है. इसी ऐप के जरिए हैकर ग्राहक की जानकारी चुराकर उसका पेटीएम अकाउंट खाली कर देता है.
फ्रॉड से ऐसे बचें
>> अपने पास आने वाले किसी भी एसएमएस, ई-मेल या पॉप-अप को अच्छे से पढ़े.
>> ओटीपी, सिक्योर कोड, आईडी और रिक्वेस्ट के अंतर का ध्यान रखें.
>> हमेशा ऐप इंस्टॉल करने के लिए प्ले स्टोर का यूज करें और कंपनी के लोगो और स्पेलिंग को चैक कर लें.
>> किसी भी ऐप को अनुमति जरूरत के अनुसार ही दें या फिर वन टाइम अलाउ ही करें.
>> कैशबेक या रिफंड वाली स्कीमों से दूर रहें.
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