नई दिल्ली. अगर आप भी सालाना 2.5 लाख रुपये व उससे अधिक की कमाई करते हैं और आपने नियोक्ता (Employer) को पैन और आधार नंबर (Pan and Aadhaar Details) उपलब्ध नहीं कराया है तो आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. दरअसल, इनकम टैक्स विभाग (Departement of Tax) के एक नए नियम के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी अपने नियोक्ता को पैन और आधार नंबर नहीं उपलब्ध कराता है तो उनकी सैलरी से 20 फीसदी TDS (Tax deducted at source) काट लिया जाएगा.
क्यों लाया गया यह नियम
इस नियम को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बनाया है, जिसे 16 जनवरी से लागू भी कर दिया गया है. यह नियम उन लोगों पर लागू होगा जो सालाना 2.5 लाख रुपये व उससे अधिक की कमाई करते हैं. बताया जा रहा है कि इस नियम को इसलिए लाया गया है ताकि TDS पेमेंट पर नजर रखने के साथ-साथ इस सेग्मेंट में रेवेन्यू भी बढ़ाया जाए. वित्त वर्ष 2018-19 में, कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection) का 37 फीसदी हिस्सा इसी सेग्मेंट से आया था.
86 पन्नों के सकुर्लर में दी गई जानकारी
CBDT ने इसके लिए 86 पन्नों का सर्कुलर भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 206-AA का के तहत अपने नियोक्ता को पैन और आधार नंबर देना अनिवार्य है. सकुर्लर में यह भी कहा गया है कि अगर कोई कर्मचारी ये दोनों जानकारी नहीं देता है तो नियोक्ता उनकी सालाना सैलरी से या तो टैक्स दर पर कटौती कर सकते हैं या 20 फीसदी की कटौती कर सकते हैं.
कैसे किया जाएगा कैलकुलेशन
अगर आपकी इनकम सालाना 2.5 लाख रुपये से कम है तो आपकी सैलरी से कोई भी टैक्स कटौती नहीं की जाएगी. सभी तरह की कटौती के बाद अगर आपकी सैलरी पर 20 फीसदी टैक्स बनता है तो 20 फीसदी का टीडीएस अप्लाई होगा. इसी प्रकार अगर आपकी सैलरी पर 30 फीसदी टैक्स बनता है तो नियोक्ता औसत टैक्स की कटौती करेगा. यह औसत टैक्स आपके कुल टैक्स लायबिलिटी से कुल सालाना इनकम को भाग देकर निकाला जाएगा. हालांकि, अगर कर्मचारियों को अधिक टैक्स देना पड़ता है तो उन्हें 4 फीसदी की एजुकेशन और हेल्थ सेस से राहत दी जा सकती है.
क्या है नियम?
सीबीडीटी ने कहा कि पैन और आधार कार्ड नहीं होने से क्रेडिट जारी करने में परेशानी हो रही है. ऐसे में टैक्स कटौती करने वाले को सलाह दी जाती है कि वो टीडीएस स्टेटमेंट में आधार और पैन की जानकारी दें.
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