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क्या दाव खेलने वाले हैं अमित शाह…कर रहे हैं बड़े अफसरों के साथ लगातार बैठक…क्या कोई बड़ा एलान होगा…

नई दिल्ली। अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री हैं, वह भाजपा अध्यक्ष हैं। इसके साथ एक पद उनके पास और है, वह अनकहे तौर पर ही सही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सारथी भी हैं। कद, पद और दबदबा सब उनके पास है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उनसे मिलने आए।

मीडिया ने पूछा तो प्रधान ने मुस्कराते हुए कहा कि वह चाय-बिस्किट खाने आए थे। आने वालों में रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी थे। गोयल पर अमित शाह भरोसा करते हैं। जब मीडिया ने गोयल से पूछा तो उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय गृहमंत्री के पास कॉफी पीने आए थे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी नार्थ ब्लॉक में आकर मिल चुके हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री शपथ ग्रहण के बाद से लगातार सक्रिय हैं। वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिल चुके हैं। उनके लगातार संपर्क में हैं। नीति आयोग के बड़े अफसर भी केंद्रीय गृह मंत्री से भेंट करके जा चुके हैं। तमाम अन्य मंत्री भी मिलने के लिए कतार में हैं।



कुल मिलाकर अमित शाह काफी व्यस्त हैं। उनकी मुलाकात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रॉ और आईबी के प्रमुख, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों से हो चुकी है। जल्द ही अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों से भी वह मिलेंगे। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वह लगातार व्यस्त हैं और बैठकों का दौर जारी है। बुधवार को ईद के दिन भी अमित शाह का कार्यक्रम काफी व्यस्त रहा।

केंद्रीय गृह मंत्री कुछ बड़ी योजना बना रहे हैं। मंत्रियों, अधिकारियों, नीति आयोग के अफसरों और सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से लगातार हो रही बैठक इसी का संकेत कर रही है। अमित शाह जम्मू-कश्मीर से लेकर देश की आंतरिक चुनौती के प्रति काफी संजीदा हैं। गृह मंत्रालय का पदभार संभालते ही उन्होंने मोटे तौर पर आंतरिक सुरक्षा का जायजा लिया था।

इस दौरान उन्होंने अपनी पहली प्राथमिकता आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करना ही बताया था, लेकिन माना जा रहा है कि वह इस दिशा में कुछ बड़ा कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के मामले में भी केंद्रीय गृह मंत्री कोई बड़ी योजना बना रहे हैं। हालांकि वह क्या कर रहे हैं, इसका ठीक-ठीक अंदाजा उनके, एनएसए या प्रधानमंत्री के सिवा किसी के पास होने की गुंजाइश कम है, क्योंकि शाह अपने पत्ते आसानी से नहीं खोलते।


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धारा 370 और अनुच्छेद 35ए है एजेंडे में

मतगणना से ठीक पहले मीडिया को दिए साक्षात्कार में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दृढ़ता से दोहराया था कि वह धारा 370 और अनुच्छेद 35ए को लेकर संवेदनशील हैं। बतौर गृह मंत्री यह मुद्दा उनके एजेंडे में शामिल होने की पूरी संभावना है।

जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महराष्ट्र, दिल्ली, झारखंड जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए वह इस दिशा में देश को एक सकारात्मक संदेश दे सकते हैं। इसके अलावा पूर्वोत्तर का उग्रवाद, नक्सलवाद को नियंत्रण में रखना भी केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है।

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