
रायपुर। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हर जिले के पुलिस अधिकारियों का एसपी से लेकर महिला सेल, क्राइम साइबर, सभी थाने के प्रभारियों को बुलाकर वर्तमान कार्यप्रणाली की समीक्षा करने का क्रम शुरू किया हूं। 14 से 15 जिले की समीक्षा कर चुका हूं। इसी कड़ी में आज रायपुर में समीक्षा किया गया।
उन्होंने कहा कि पूरी कार्यप्रणाली पर हम लोग चौकी का थाने में अपग्रेडेशन करना, कहां पर नया थाना खोलना, कहां पर चौकी खोलना, उसकी सीमा में परिसीमन करना। जैसे कोई गांव 25 किलोमीटर दूर थाना है या दूसरे साइड 5 किलोमीटर दूर थाना है, तो उसको परिसीमन करना, ताकि उनको सुविधा मिले। पुलिस पेट्रोल पंप और ज्यादा से ज्यादा खोलना, ताकि पुलिस वेलफेयर फंड में ज्यादा पैसा हो। पुलिस कर्मचारियों के 40 साल से पुराना क्वार्टर है, उसको नया बनाने का।
कंट्रोल रूम को करेंगे बेहतर
रायपुर शहर को एक जगह से कंट्रोल करने के लिए जो कंट्रोल रूम बनाए हैं, विकसित किया है, उसमें जो थोड़ी कमी है, उसको दूर करने के लिए और क्या करना है।
इसके लिए बजट की व्यवस्था ताकि एक ही जगह से बैठकर पूरी रायपुर शहर को हम कंट्रोल कर सकें। सीसीटीवी कैमरा के लिए करीब 130 करोड़ रुपये की और जरूरत। उसके लिए भी मांग किया जाएगा।
गृहमंत्री ने कहा कि जुए-सट्टे पर थाना प्रभारियों पर कार्रवाई होगी। हत्या, चोरी, डकैती, बलात्कार, नशा, नशे पर और सट्टे पर ज्यादा फोकस करने के लिए थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं। जिसके थाना क्षेत्र में जुआ का जो मामला आएगा तो उसकी जिम्मेदारी फिक्स होगी। उन पर कार्रवाई होगी। उन व्यक्तियों पर कारवाही बाद में होगी। क्षेत्र के थाना प्रभारियों पर होगी इसको लेकर निर्देशित किया गया।
गृहमंत्री ने कहा कि देशभर में तेलंगाना और महाराष्ट्र की पुलिसिंग कार्रवाई बहुत अच्छा है। उसके लिए एक कमेटी बनाकर वहां भेज रहे हैं, जो वहां जाकर अध्ययन करें। महाराष्ट्र और तेलंगाना की पुलिस इनके और उससे अच्छा हम यहां क्या कर सकते हैं। उसको लागू करने की दिशा में भी काम होगा।
गृहमंत्री ने 26 लाख लूट के सवाल पर कहा कि अपराधियों को जल्दी गिरफ्तार कर लेंगे। कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। किसके दिमाग में क्या घूम रहा है। हर व्यक्ति के पीछे तो एक पुलिस लगाए नहीं जा सकता। अपराध घटित होता है, पर उम्मीद है कि हम जल्दी उसको पकड़ लेंगे। उन्होंने बस्तर में पुलिस कैम्प के विरोध के सवाल पर कहा कि जो नहीं चाहता कि कैंप लगे, वह दूसरे लोगों को भड़का के ग्रामीणों को कह के आगे कर देते हैं। कैंप हम लगा रहे हैं।
वह नक्सलियों को समाप्त करने के लिए और लोगों की सुरक्षा के लिए है। उनको हम गांव वालों को हमारा साथ देना चाहिए। दूसरे के भड़काने में आकर वह विरोध करें, यह उचित नहीं है। हमारे अधिकारी लगे हुए हैं। उन को समझाने में, ताकि उनकी सुरक्षा के लिए हम लोग जो कर रहे हैं। उसको लेकर वह सहयोग कर सकें।
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