
बिलासपुर CIMS (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) ने कोरोना काल से अब तक 3 लाख RTPCR टेस्ट करने का रिकॉर्ड बनाया है। शुक्रवार को इस कामयाबी को डीन डॉ. केके सहारे सहित स्टॉफ ने केक काटकर सेलिब्रेट किया। डीन ने वायरोलॉजी टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संक्रमण काल में उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर खतरनाक वायरस से संक्रमित मरीजों की जांच कर कठिन मेहनत की। जिसके परिणाम स्वरूप CIMS ने इस मुकाम को हासिल किया है।
कोरोना वायरस का संक्रमण वर्ष 2020 में दुनिया भर के साथ ही देश में तेजी से फैल रहा था। तब प्रदेश में रायपुर में कोरोना की जांच हो रही थी। बढते संक्रमण को देखते हुए अगस्त 2020 में CIMS में वॉयरोलॉजी लैब शुरू किया गया और 2 अगस्त से RTPCR जांच के लिए सेंटर शुरू किया गया। तब से लेकर आज तक वायरोलॉजी की टीम लगातार लगन व मेहनत के साथ अपनी ड्यूटी कर रही हैं।
वर्तमान में यहां 3 लाख लोगों का जांच करने का रिकॉर्ड बना है। इस पर शुक्रवार को CIMS में सेलिब्रेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में डीन डॉ. केके सहारे व HOD डॉ. रेखा बारापात्रे मौजूद रहीं। इस दौरान स्टॉफ के साथ उन्होंने केक काटकर इस सफलता को सेलिब्रेट किया।
डीन बोले टीम भावना से मिली कामयाबी
कार्यक्रम में डीन डॉ. सहारे ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि कोई भी कार्य टीम भावना के साथ ही करने से सफल होता है। वायरोलॉजी टीम ने संकट के दौर में हिम्मत, साहस व जज्बे के साथ जान जोखिम में डालकर काम किया है। जिसके चलते आज उनके साथ CIMS प्रबंधन भी गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने संकटकाल में काम करने वाले स्टॉफ को प्रोत्साहन राशि दिलाने के लिए प्रयास करने की बात कही। HOD डॉ. रेखा बारापात्रे ने कहा कि महामारी के दौरान काम करना एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन, उनकी टीम ने लगातार मेहनत की। जिसके फलस्वरूप हम 3 लाख RTPCR करने के लक्ष्य तक पहुंच सके हैं।