नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गर्वनर उर्जित पटेल ने सरकारी बैंकों की भूमिका कम करने की जरूरत बताकर परोक्ष रूप से इनके निजीकरण की वकालत की। बुधवार को उन्होंने कहा कि अगर सरकार करदाताओं के पैसे का सही इस्तेमाल करना चाहती है तो उसे तय करना चाहिए कि सरकारी बैंकों का क्या किया जाए। केंद्रीय बैंक के गर्वनर ने सरकारी बैंकों को रिजर्व बैंक के नियमों से मिली छूट खत्म करने की बेहिचक वकालत की। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों को मिली छूट से कॉर्पोरेट गवर्नैंस पर रिजर्व बैंक की शक्तियां बिल्कुल क्षीण नहीं भी होती हैं तो कुछ हद तक धूमिल तो जरूर हो जाती है।
पंजाब नैशनल बैंक धोखाधड़ी पर पहली बार बोलते हुए पटेल ने कहा, बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी और अनियमितताओं से रिजर्व बैंक में बैठे हम लोगों को भी गुस्सा, दुख और अफसोस होता है। सामान्य और स्पष्ट भाषा में कहें तो यह कुछ कारोबारियों और बैंक अधिकारियों द्वारा मिलकर देश के भविष्य पर डाका डालने के समान हैं। पीएनबी पर लगे आरोप पर पटेल ने कहा कि धोखाधड़ी सुचारू संचालन में नाकामयाब रहने का परिणाम है क्योंकि बैंक ने निर्देशों का पालन नहीं किया।
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